Jolly LLB 3 दर्शकों को भारत में भूमि विवादों की वास्तविकता से परिचित कराता है, खासकर किसानों के संदर्भ में। फिल्म की शुरुआत एक दिल दहला देने वाले दृश्य से होती है, जहां किसान राजाराम अपनी ज़मीन खोने के बाद आत्महत्या कर लेते हैं। यह ज़मीन 'बीकानेर से बोस्टन' परियोजना के कारण चली जाती है, जिसका नेतृत्व निर्दयी व्यवसायी हरिभाई खैतान (गजराज राव) कर रहे हैं। उनकी पत्नी, जानकी (सीमा बिस्वास), न्याय के लिए लड़ाई शुरू करती हैं, जिससे एक कोर्टरूम संघर्ष उत्पन्न होता है, जिसमें छोटे शहर के वकील, अक्षय कुमार और अरशद वारसी, एक उच्च प्रोफ़ाइल वकील विक्रम (राम कपूर) के खिलाफ खड़े होते हैं।
फिल्म की विशेषताएँ
Jolly LLB 3 की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं: यह हास्य और गंभीरता के क्षणों को संतुलित करने में सफल है। दूसरे भाग में 28 मिनट का कोर्टरूम दृश्य दर्शकों को बांधे रखता है, जिसमें अक्षय कुमार, अरशद वारसी, और सौरभ शुक्ला के बीच शानदार वेलेंटाइन डिनर डेट का दृश्य शामिल है। फिल्म में छोटे-छोटे, गहरे भावनात्मक क्षण भी हैं, जैसे कि एक दृश्य में अक्षय कुमार अपने माथे से तिलक हटाते हैं, जो उनके आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है।
क्या अच्छा है?
Jolly LLB 3 एक तेज़ और व्यंग्यात्मक कोर्टरूम ड्रामा है, जो 2 घंटे 37 मिनट की अवधि में दर्शकों को बांधे रखता है। वकीलों के बीच जीवंत संवाद और जज त्रिपाठी (सौरभ शुक्ला) की मनोरंजक उपस्थिति कहानी को गति देती है। अक्षय कुमार, अरशद वारसी और सौरभ शुक्ला की अदाकारी शानदार है, जबकि गजराज राव और राम कपूर भी नकारात्मक किरदारों में प्रभाव छोड़ते हैं।
क्या नहीं काम करता?
फिल्म के पहले भाग में संपादन की दृष्टि से कुछ सुधार की आवश्यकता थी। यदि कुछ दृश्यों को छोटा किया जाता, तो कहानी और भी तेज़ी से आगे बढ़ सकती थी। अमृता राव और हुमा कुरैशी का किरदार बहुत सीमित है, और पहले भाग में और अधिक हास्य क्षणों की गुंजाइश थी।
निर्णय
हालांकि पहले भाग में कुछ कमी है, लेकिन इसकी मजेदार हास्य, आकर्षक कोर्टरूम लड़ाई, और मूल कास्ट की वापसी इसे अंततः एक मनोरंजक अनुभव बनाती है। अक्षय कुमार का 'जॉली नंबर 2' के रूप में लौटना एक सुखद अनुभव है। यह फिल्म नई सीमाएँ नहीं तोड़ती, लेकिन इसके कलाकारों के कारण दर्शकों को बांधे रखने में सफल होती है।
Jolly LLB 3 का ट्रेलर देखें
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